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पाठ 13:
ईश्वर की निःशुल्क स्वास्थ्य योजना

चिकित्सा देखभाल अमूल्य है परन्तु यदि हमें चिकित्सकों -अच्छी की आवश्यकता न हो तो क्या यह अच्छा नहीं होगा? खैर, क्या आपको पता था कि बहुत सारे चिकित्सकों को काम से दूर करने का एक सिद्ध तरीका है? ... अपने शरीर का ख्याल रखें! वैज्ञानिकों ने कोलेस्ट्रॉल, तंबाकू, तनाव, मोटापे और शराब के बारे में चेतावनी दी है, तो अपनी किस्मत क्यों आज़माएँ? परमेश्वर सचमुच इस बात की परवाह करता है कि आप अपने शरीर के साथ कैसा व्यवहार करते हैं, और उसने आपके लिए एक निः शुल्क स्वास्थ्य योजना दी है - बाइबल ! दीर्घायु और स्वस्थ जीवन पाने के आश्चर्यजनक तथ्यों की जानकारी के लिए, इस अध्ययन की संदर्शिका को पढ़ें- परन्तु किसी भी निष्कर्ष पर पहुँचने से पहले इसे पूरा पढ़ना सुनिश्चित करें!

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1. क्या स्वास्थ्य सिद्धान्त सचमुच सच्चे बाइबल धर्म का हिस्सा हैं?

हे प्रिय, मेरी प्रार्थना है कि जैसे तेरा आत्मिक आनन्द है, वैसे ही तू सब बातों में आनन्दित हो और भला चंगा रहे (3 यूहन्ना 1:2)।

उत्तर:  हाँ। बाइबल स्वास्थ्य को महत्व की सूची में सबसे ऊपर रखती है। एक व्यक्ति का मन, आध्यात्मिक स्वभाव और शरीर, सभी आपस में जुड़े हुए और एक-दूसरे पर निर्भर हैं। जो एक को प्रभावित करता है, वह दूसरे को भी प्रभावित करता है। यदि शरीर का दुरुपयोग किया जाता है, तो मन और आध्यात्मिक स्वभाव वैसा नहीं बन पाते जैसा परमेश्वर ने उन्हें बनने की योजना बनाई थी और आप एक समृद्ध जीवन नहीं जी पाएँगे। (यूहन्ना 10:10 देखें।)

2. परमेश्‍वर ने अपने लोगों को स्वास्थ्य के सिद्धांत क्यों दिए?

"यहोवा ने हमें इन सब विधियों का पालन करने और अपने परमेश्वर यहोवा का भय मानने की आज्ञा दी है, जिस से हमारा सदैव भला हो, और वह हमें जीवित रखे (व्यवस्थाविवरण 6:24)।

तुम अपने परमेश्वर यहोवा की सेवा करना, और वह तुम्हारे अन्न और जल पर आशीष देगा। और मैं तुम्हारे बीच से रोग दूर करूँगा (निर्गमन 23:25)।

 

उत्तर:  परमेश्वर ने स्वास्थ्य के सिद्धांत इसलिए दिए क्योंकि वह जानता है कि मानव शरीर के लिए क्या सर्वोत्तम है। ऑटोमोबाइल निर्माता प्रत्येक नई कार के ग्लव कम्पार्टमेंट में एक संचालन नियमावली रखते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि उनकी रचना के लिए क्या सर्वोत्तम है। परमेश्वर, जिसने हमारे शरीर को बनाया है, के पास भी एक संचालन नियमावली है। वह बाइबल है। परमेश्वर की संचालन नियमावली की अनदेखी करने से अक्सर बीमारियाँ, विकृत सोच और थका हुआ जीवन प्राप्त होता है, ठीक उसी तरह जैसे कार का दुरुपयोग करने से गंभीर कार समस्याएँ हो सकती हैं। परमेश्वर के सिद्धांतों का पालन करने से स्वास्थ्य की रक्षा होती है (भजन संहिता 67:2) और अधिक समृद्ध जीवन मिलता है (यूहन्ना 10:10)। हमारे सहयोग से, परमेश्वर इन महान स्वास्थ्य नियमों का उपयोग शैतान की बीमारियों के प्रभावों को महत्वपूर्ण रूप से कम करने और समाप्त करने के लिए कर सकता है (भजन संहिता 103:2, 3)।

3. क्या परमेश्‍वर के स्वास्थ्य सिद्धान्तों का खाने-पीने से कोई  सम्बन्ध है?

 

अच्छा खाओ (यशायाह 55:2)।

चाहे तुम खाओ या पीओ, या जो कुछ भी करो, सब कुछ परमेश्वर की महिमा के लिए करो (1 कुरिन्थियों 10:31)।

उत्तर:  हाँ। एक मसीही भी परमेश्वर की महिमा के लिए अलग तरह से खाएगा-पिएगा, केवल वही चुनेगा जो अच्छा है।

अगर परमेश्वर कहता है कि कोई  चीज़ खाने लायक नहीं है, तो उसके पास ज़रूर कोई ठोस कारण होगा। वह कोई कठोर

तानाशाह नहीं, बल्कि एक प्रेममय पिता है। उसकी सारी सलाह हमेशा हमारे भले के लिए होती है। बाइबल वादा करती है, "जो लोग धर्म से चलते हैं, उनसे वह कोई अच्छी चीज़ नहीं रोकेगा" (भजन 84:11)। इसलिए अगर परमेश्वर हमसे कोई चीज़ रोक लेता है, तो वह इसलिए कि वह हमारे लिए अच्छी नहीं है।

ध्यान दें: कोई भी व्यक्ति स्वर्ग में प्रवेश के लिए भोजन नहीं कर सकता। केवल यीशु मसीह को प्रभु और उद्धारकर्ता के रूप में स्वीकार करने से ही ऐसा हो सकता है। हालाँकि, परमेश्वर के स्वास्थ्य नियमों की अनदेखी करने से व्यक्ति अपनी विवेकशीलता खो सकता है और पाप में पड़ सकता है, यहाँ तक कि उद्धार भी खो सकता है।

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4. जब परमेश्वर ने लोगों को एक उत्तम वातावरण में बनाया तो उसने उन्हें खाने के लिए क्या दिया?

                                                                       

परमेश्वर ने कहा, 'देखो, मैंने तुम्हें सब बीज वाले छोटे-छोटे पेड़ और सब बीज वाले वृक्ष दिए हैं। तुम वाटिका के सब वृक्षों के फल बिना खटके खा सकते हो' (उत्पत्ति 1:29; 2:16)।

उत्तर:  परमेश्वर ने शुरू में लोगों को फल, अनाज और मेवे दिए थे। थोड़ी देर बाद सब्ज़ियाँ भी शामिल की गईं (उत्पत्ति 3:18)।

5. परमेश्‍वर ने किन चीज़ों को साफ़ तौर पर अशुद्ध और वर्जित बताया है?

 

उत्तरः लैव्यव्यवस्था 11 और व्यवस्थाविवरण 14 में, परमेश्वर निम्नलिखित खाद्य समूहों को अशुद्ध मानते हैं। दोनों

अध्यायों को पूर्ण रूप से पढ़ें।

क. उन सभी पशुओं का माँस जिनके खुर चिरे या फटे हुए नहीं हैं और जो पागुर नहीं करते है (व्यवस्थाविवरण 14:6)।

ख. बिना पंख और छिलके वाले मछली (व्यवस्थाविवरण 14:9)। लगभग सभी मछली शुद्ध है

ग. शिकार करने वाले सभी पक्षी, लाश खाने वाले सभी पक्षी, और मछली खाने वाले सभी पक्षी (लैव्यव्यवस्था 11:13-19)।

घ. अधिकांश "रेंगने वाले जीव जंतु" (या अपृष्ठवंशी) (लैव्यव्यवस्था 11:21-44)1

ध्यान दें: ये अध्याय यह स्पष्ट करते है कि आम तौर पर खाए जाने वाले अधिकांश जानवर, पक्षी और जल प्राणी शुद्ध हैं। हालांकि, कुछ उल्लेखनीय अपवाद हैं। परमेश्वर के नियमों के मुताबिक, निम्नलिखित जानवर अशुद्ध हैं और खाने के लिए नहीं हैं: बिल्लियाँ, कुत्ते, घोड़े, ऊँट, उकाब, गिद्ध, सुअर, गिलहरी, खरगोश, मागूर, सर्पमीन, झींगा, सीप, केकड़े, घोंघे, मेंढक, आदि।

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6. यदि किसी व्यक्ति को सूअर का मांस पसंद है और वह उसे खाता है, तो क्या वह सचमुच दूसरे आगमन पर नष्ट हो जाएगा?

 

देखो, यहोवा आग के साथ आएगा और अपनी तलवार से सब प्राणियों का न्याय करेगा; और यहोवा के मारे हुए बहुत होंगे। जो लोग सूअर का मांस और घृणित वस्तुएँ और चूहे खाकर अपने को पवित्र और शुद्ध करते हैं, वे सब एक साथ भस्म हो जाएँगे (यशायाह 66:15-17)।

 

उत्तर:  यह चौंकाने वाला हो सकता है, लेकिन यह सच है और इसे बताया जाना चाहिए। बाइबल कहती है कि जो कोई सूअर का मांस और अन्य अशुद्ध चीज़ें खाता है, जो घृणित हैं, वह प्रभु के आगमन पर नष्ट कर दिया जाएगा। जब परमेश्वर किसी चीज़ को अकेला छोड़ देने और उसे न खाने के लिए कहता है, तो हमें हर हाल में उसकी आज्ञा माननी चाहिए। आखिरकार, आदम और हव्वा द्वारा वर्जित फल खाने से ही इस दुनिया में पाप और मृत्यु आई थी। क्या कोई कह सकता है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता? परमेश्वर कहते हैं कि लोग नष्ट हो जाएँगे क्योंकि उन्होंने वह चुना जिससे मैं प्रसन्न नहीं हूँ (यशायाह 66:4)।

7. लेकिन क्या शुद्ध और अशुद्ध पशुओं का यह नियम मूसा से शुरू नहीं हुआ था? क्या यह सिर्फ़ यहूदियों के लिए नहीं था, और क्या यह क्रूस पर समाप्त नहीं हुआ था?

 

 

प्रभु ने नूह से कहा, 'अपने साथ सब शुद्ध पशुओं में से सात सात और अशुद्ध पशुओं में से दो दो ले लो'

(उत्पत्ति 7:1, 2)।

 

 

उत्तर:  सभी बिंदुओं पर नहीं। नूह यहूदियों के अस्तित्व से बहुत पहले जीया था, लेकिन वह शुद्ध और अशुद्ध जानवरों के

बारे में जानता था, क्योंकि उसने शुद्ध जानवरों को सात-सात और अशुद्ध जानवरों को दो-दो करके जहाज़ में ले लिया था।

प्रकाशितवाक्य 18:2 में कुछ पक्षियों को मसीह के दूसरे आगमन से ठीक पहले अशुद्ध बताया गया है। मसीह की मृत्यु ने

इन स्वास्थ्य नियमों को किसी भी तरह से प्रभावित या परिवर्तित नहीं किया, क्योंकि बाइबल कहती है कि जो कोई भी इनका

उल्लंघन करता है, वह यीशु के लौटने पर नष्ट हो जाएगा (यशायाह 66:15-17)। यहूदियों का पाचन तंत्र गैर-यहूदियों के

पाचन तंत्र से किसी भी तरह भिन्न नहीं है। ये स्वास्थ्य नियम सभी लोगों के लिए, हमेशा के लिए हैं।

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8. क्या बाइबल शराब के इस्तेमाल के बारे में कुछ कहती है?

 

 

दाखमधु ठट्ठा करनेवाला और मदिरा झगड़ालू है, और जो उसके कारण भटक जाता है, वह बुद्धिमान नहीं (नीतिवचन 20:1)।

 

जब दाखमधु लाल दिखाई देता है, और कटोरे में चमकता है, और मदिरा के हिलने-डुलने पर उसे न देखना; अन्त में वह सर्प के समान डसता है, और करैत के समान डंक मारता है (नीतिवचन 23:31, 32)।

न तो व्यभिचारी, और न ही पियक्कड़ परमेश्वर के राज्य के वारिस होंगे (1 कुरिन्थियों 6:9, 10)।

जवाब:  हाँ। बाइबल शराब पीने के सख्त खिलाफ चेतावनी देती है।

9. क्या बाइबल तंबाकू जैसी अन्य हानिकारक चीज़ों के इस्तेमाल

के खिलाफ चेतावनी देती है?

 

 

उत्तर:  हाँ। बाइबल छः कारण बताती है कि क्यों तंबाकू जैसी हानिकारक चीज़ों का इस्तेमाल परमेश्‍वर को नापसंद है:

उत्तर: क. 

हानिकारक पदार्थों का सेवन स्वास्थ्य को हानि पहुँचाता है और शरीर को अशुद्ध करता है। क्या तुम नहीं जानते कि तुम परमेश्वर

का मंदिर हो और परमेश्वर का आत्मा तुम में वास करता है? यदि कोई परमेश्वर के मंदिर को अशुद्ध करता है, तो परमेश्वर उसे

नष्ट कर देगा। क्योंकि परमेश्वर का मंदिर पवित्र है, और वह मंदिर तुम हो
(1 कुरिन्थियों 3:16, 17)।

 

उत्तर ख. 

निकोटीन एक नशीला पदार्थ है जो लोगों को गुलाम बना देता है। रोमियों 6:16 कहता है कि हम जिस किसी

(या किसी भी चीज़) के अधीन हो जाते हैं, उसके गुलाम बन जाते हैं। तंबाकू का सेवन करने वाले निकोटीन के गुलाम

होते हैं। यीशु ने कहा, "तू प्रभु अपने परमेश्वर की आराधना कर, और केवल उसी की सेवा कर" (मत्ती 4:10)।

 

उत्तर ग. 

तंबाकू की आदत अशुद्ध है। प्रभु कहते हैं, उनके बीच से निकलो और अलग रहो। अशुद्ध वस्तु को मत छुओ, तो मैं तुम्हें ग्रहण

करूँगा (2 कुरिन्थियों 6:17)। क्या यह सोचना बेतुका नहीं है कि मसीह किसी भी रूप में तंबाकू का सेवन करते थे?

 

उत्तर घ. 

हानिकारक पदार्थों के प्रयोग से धन की बर्बादी होती है। जो रोटी नहीं है, उसके लिए तुम धन क्यों खर्च करते हो? (यशायाह 55:2)। हम परमेश्वर द्वारा दिए गए धन के भण्डारी हैं, और भण्डारी से यह अपेक्षित है कि वह विश्वासयोग्य हो (1 कुरिन्थियों 4:2)।

उत्तर ङ. हानिकारक पदार्थों का सेवन पवित्र आत्मा की प्रेरणाओं को समझने की हमारी क्षमता को कमज़ोर कर देता है। उन शारीरिक अभिलाषाओं से दूर रहें जो आत्मा से युद्ध करती हैं (1 पतरस 2:11)। हानिकारक पदार्थों का सेवन एक शारीरिक अभिलाषा है।

 

उत्तर ङ. हानिकारक पदार्थों का सेवन जीवन को छोटा कर देता है। विज्ञान ने पुष्टि की है कि तंबाकू का सेवन जीवन को नाटकीय रूप से छोटा कर सकता है। यह हत्या के विरुद्ध परमेश्वर की आज्ञा का उल्लंघन करता है (निर्गमन 20:13)। हालाँकि यह धीमी गति से होने वाली हत्या है, फिर भी यह हत्या ही है। अपने अंतिम संस्कार को स्थगित करने का एक सबसे अच्छा तरीका है तंबाकू का सेवन बंद करना।

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10. बाइबल में स्वास्थ्य के बारे में कुछ सरल मगर ज़रूरी नियम क्या हैं?

 

उत्तर: यहाँ बाइबल के 11 स्वास्थ्य सिद्धांत दिए गए हैं:

क. नियमित समय पर भोजन खाएँ, और पशु वसा या रक्त का उपयोग न करें। "समय पर भोजन करते हैं" (सभोपदेशक 10:17)। "सदा की विधि ठहरेगी कि तुम चर्बी और लहू कभी न खाओ" (लैव्यव्यवस्था 3:17)।

नोटः विज्ञान ने पुष्टि की है कि अधिकांश दिल के दौरे उच्च कोलेस्ट्रॉल से होते हैं - और वसा का उपयोग काफी हद तक कोलेस्ट्रॉल के उच्च स्तर के लिए जिम्मेदार है। ऐसा लगता है कि परमेश्वर जानता है कि आखिरकार वह किस बारे में बात कर रहा है, है ना?

 

ख. ज़रूरत से ज्यादा न खाएँ। "यदि तू अधिक खानेवाला हो, तो थोड़ा खाकर भूखा उठ जाना" (नीतिवचन 23:2)। लूका 21:34 में, मसीह ने विशेष रूप से अंतिम दिनों में "मतवालेपन" (असंयमीता) के खिलाफ चेतावनी दी थी। सीमा से ऊपर खान पान, पाप है, जो कई जानलेवा बिमारियों के लिए ज़िम्मेदार है।

 

ग. ईर्ष्या और जलन न करें। इस प्रकार की पापी भावनाएँ वास्तव में शरीर की प्रक्रियाओं को बाधित करती हैं। बाइबल कहती है कि ईर्ष्या से "हड्डियाँ जल जाती हैं" (नीतिवचन 14:30)। मसीह हमें उन द्वेषों को भी दूर करने की आज्ञा देता है जो दूसरे लोग हमारे खिलाफ रख सकते हैं (मत्ती 5:23, 24)।

 

घ. एक हंसमुख, खुश स्वभाव बनाए रखें। "मन का आनन्द अच्छी औषधि है, परन्तु मन के टूटने से हड्डियाँ सूख जाती हैं" (नीतिवचन 17:22)। "जैसा कि वह अपने मन में विचार करता है, वैसा आप है" (नीतिवचन 23:7)। कई बीमारियों से पीड़ित लोग अवसाद का परिणाम हैं। एक हंसमुख, खुश स्वभाव, स्वास्थ्य प्रदान करता है और जीवन को बढ़ाता है!

 

ङ. परमेश्वर में पूरा भरोसा रखें। "यहोवा का भय मानने से जीवन की बढ़ता है, और उसका भय माननेवाला ठिकाना पाकर सुखी रहता है" (नीतिवचन 19:23)। परमेश्वर में विश्वास स्वास्थ्य और जीवन को मजबूत करता है। "हे मेरे पुत्र, मेरे वचनों पर ध्यान दें... क्योंकि जिनको वे प्राप्त होती है, वे उनके जीवित रहने का, और उनके सारे शरीर का चंगे रहेने का कारण होती है" (नीतिवचन 4:20, 22)। स्वास्थ्य परमेश्वर के आदेशों की आज्ञाकारिता से और उसके ऊपर पूर्ण भरोसा रखने से आता है।

च. काम और व्यायाम के साथ नींद और आराम का संतुलन बनाएँ। "छः दिन तो तू परिश्रम करके अपना सब काम-काज करना, परन्तु सातवाँ दिन तेरे परमेश्वर यहोवा के लिए विश्रामदिन है" (निर्गमन 20:9, 10)। "परिश्रम करने वाला ... उसकी नींद सुखदायी होती है" (सभोपदेशक 5:12)। "अपने माथे के पसीने की रोटी खाया करेगा" (उत्पत्ति 3:19)। "तुम जो सवेरे उठते और देर तक परिश्रम करते... यह सब तुम्हारे लिए व्यर्थ है" (भजन संहिता 127:2)। "मनुष्य जो धरती पर मन लगाकर परिश्रम करता है उससे उसको क्या लाभ होता है? उसके सब दिन तो दुःखों से भरे रहते हैं और उसका काम खेद के साथ होता है, रात को भी उसका मन चैन नहीं पाता। यह भी व्यर्थ ही है" (सभोपदेशक 2:22, 23)1

 

छ. अपने शरीर को साफ रखें। "अपने को शुद्ध करो" (यशायाह 52:11)।

ज. सभी चीजों में संयम रखें। "हर एक पहलवान सब प्रकार का संयम रखता है" (1 कुरिन्थियों 9:25)। "तुम्हारी कोमलता सब मनुष्यों पर प्रगट हो" (फिलिप्पियों 4:5)। एक मसीही को उन चीजों से पूरी तरह से बचना चाहिए जो हानिकारक हैं और अच्छी चीजों के उपयोग में संयम रखना चाहिए। स्वास्थ्य को चोट पहुँचाने वाली आदतें "तुम हत्या मत करना" की आज्ञा को तोड़ती हैं। वे किस्तों में आत्महत्या करते हैं।

 

झ. उन सभी चीजों से बचें जो शरीर के लिए हानिकारक हैं (1) कुरिन्थियों 3:16, 17)। यह आपको आश्चर्यचकित कर सकता है, लेकिन चिकित्सा विज्ञान यह पुष्टि करता है कि चाय, कॉफी और शीतल पेय जिसमें कैफीन और अन्य हानिकारक तत्व होते हैं, मानव शरीर के लिए नुकसान पहुँचाने वाली हैं। इनमें से किसी में भी चीनी या क्रीम के अलावा कोई और सामग्री नहीं होता है जिसका खाद्य मूल्य हो, और हम में से अधिकांश पहले से ही बहुत अधिक मात्रा में चीनी का उपयोग करते हैं। उत्तेजक पदार्थ शरीर को एक हानिकारक, कृत्रिम ताकत देते हैं और एक पहिया ठेले में एक टन भार ले जाने की कोशिश करने जैसा है। इन पेय पदार्थों की लोकप्रियता स्वाद या विज्ञापन के कारण नहीं है, बल्कि कैफीन और चीनी की वजह से है। कॉफी, चाय और शीतल पेय की लत के कारण कई अमेरिकी बीमार हैं। यह शैतान को प्रसन्न करता है और मानव जीवन को नुकसान पहुँचाता है।

 

ज. भोजन के समय को एक सुखद समय बनाएँ। "और यह भी परमेश्वर का दान है कि हर मनुष्य खाए-पीए और अपने सब परिश्रम में सुखी रहे" (सभोपदेशक 3:13)। भोजन के वक्त दुखी दृश्य पाचन में बाधा डालते हैं। उनसे बचें।

 

ट. उन लोगों की मदद करें जो ज़रूरत में हैं। "अन्याय से बने हुए दासों, और अन्धेर सहनेवालों का जुआ तोड़कर... और सब जूओं को टुकड़े टुकड़े कर देना... अपनी रोटी भूखों में बाँट देना, अनाथ और मारे-मारे फिरने हुओं को अपने घर ले आना, किसी को नंगा देखकर वस्त्र पहिनाना ... और तू शीघ्र चंगा हो जाएगा" (यशायाह 58:6-8)। इसे न समझ पाना असंभव है: जब हम गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करते हैं, तो हम अपना स्वास्थ्य सुधारते हैं।

11. परमेश्‍वर के सिद्धांतों को नज़रअंदाज़ करनेवालों को क्या

गंभीर चेतावनी दी गयी है?

धोखा न खाओ, परमेश्वर ठट्ठों में नहीं उड़ाया जाता, क्योंकि मनुष्य जो कुछ बोएगा, वही काटेगा (गलातियों 6:7)।

उत्तर:  जो लोग परमेश्वर के स्वास्थ्य सिद्धांतों की अनदेखी करते हैं, उनके शरीर के टुकड़े-टुकड़े होने और जीवन के जलने की संभावना ज़्यादा होती है, ठीक वैसे ही जैसे जो अपनी गाड़ी का दुरुपयोग करता है, उसे कार की गंभीर समस्या का सामना करना पड़ता है। और जो लोग परमेश्वर के स्वास्थ्य नियमों को तोड़ते रहते हैं, वे अंततः नष्ट हो जाएँगे (1 कुरिन्थियों 3:16, 17)। परमेश्वर के स्वास्थ्य नियम मनमाने नहीं हैं, वे ब्रह्मांड के प्राकृतिक, स्थापित नियम हैं, जैसे गुरुत्वाकर्षण का नियम। इन नियमों की अनदेखी विनाशकारी परिणाम ला सकती है! बाइबल कहती है, "बिना कारण शाप नहीं आता" (नीतिवचन 26:2)। मुसीबत तब आती है जब हम स्वास्थ्य के नियमों की अनदेखी करते हैं। परमेश्वर, दया करके, हमें बताते हैं कि ये नियम क्या हैं ताकि हम इनके उल्लंघन से होने वाली त्रासदियों से बच सकें।

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12. हमारे बच्चों और नाती-पोतों के स्वास्थ्य के बारे में कौन-सी चौंकाने वाली सच्चाई है?

तू उसे न खाना, ताकि तेरा और तेरे बाद तेरे वंश का भी भला हो (व्यवस्थाविवरण 12:25)।


मैं, तेरा परमेश्वर यहोवा, जलन रखनेवाला ईश्वर हूँ, और जो मुझ से बैर रखते हैं, उनके बेटों, पोतों, और परपोतों को भी पितरों का दण्ड दिया करता हूँ (निर्गमन 20:5)।

 

उत्तर:  परमेश्वर स्पष्ट रूप से कहता है कि बच्चे और नाती-पोते (चौथी पीढ़ी तक) उन माता-पिता की मूर्खता की कीमत चुकाते हैं जो परमेश्वर के स्वास्थ्य सिद्धांतों की अनदेखी करते हैं। जब उनके माता-पिता अपने जीवन के लिए परमेश्वर के नियमों का उल्लंघन करते हैं, तो बच्चों और नाती-पोतों को कमज़ोर और बीमार शरीर विरासत में मिलता है। क्या आप ऐसी किसी भी चीज़ से नहीं बचेंगे जो आपके प्यारे बच्चों और नाती-पोतों को नुकसान पहुँचा सकती है?

13. परमेश्‍वर का वचन कौन-सा और गंभीर तथ्य बताता है?

 

उसमें [परमेश्वर के महिमा के राज्य में] कोई भी अपवित्र वस्तु प्रवेश न करेगी (प्रकाशितवाक्य 21:27)।


'परन्तु जो लोग अपने मन में घृणित वस्तुओं और घृणित कामों की अभिलाषा करते रहते हैं, मैं उनके कामों का फल उन्हीं के सिर पर डालूँगा,' प्रभु परमेश्वर कहता है (यहेजकेल 11:21)।

उत्तर:  परमेश्वर के राज्य में किसी भी प्रकार की अपवित्रता या अशुद्धता की अनुमति नहीं होगी। सभी गंदी आदतें व्यक्ति को अपवित्र करती हैं। अनुचित भोजन का सेवन व्यक्ति को अपवित्र करता है (दानिय्येल 1:8)। यह गंभीर बात है, लेकिन सत्य भी है। अपने मार्ग और उन चीज़ों को चुनना जिनसे परमेश्वर प्रसन्न नहीं होता, अंततः लोगों को अपने अनन्त उद्धार से वंचित कर देगा (यशायाह 66:3, 4, 15-17)।

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14. हर सच्चे मसीही को फौरन क्या करने की कोशिश करनी चाहिए?

 

आओ, हम अपने आप को शरीर और आत्मा की सब मलिनता से शुद्ध करें (2 कुरिन्थियों 7:1)।


 

जो कोई उस [मसीह] पर यह आशा रखता है, वह अपने आप को वैसा ही पवित्र करता है जैसा वह पवित्र है (1 यूहन्ना 3:3)।


यदि तुम मुझसे प्रेम करते हो, तो मेरी आज्ञाओं को मानो (यूहन्ना 14:15)।

उत्तर:  सच्चे मसीही अपने जीवन को परमेश्वर के स्वास्थ्य सिद्धांतों के साथ तुरंत सामंजस्य में लाएँगे क्योंकि वे परमेश्वर से प्रेम करते हैं। वे जानते हैं कि उसके नियम उनकी खुशी में इज़ाफ़ा करते हैं और उन्हें शैतान की बीमारियों से बचाते हैं (प्रेरितों के काम 10:38)। परमेश्वर की सलाह और नियम हमेशा हमारे भले के लिए होते हैं, ठीक वैसे ही जैसे अच्छे माता-पिता के नियम और सलाह उनके बच्चों के लिए सर्वोत्तम होते हैं। और एक बार जब हम बेहतर जान जाते हैं, तो परमेश्वर हमें जवाबदेह ठहराता है। जो भलाई करना जानता है और नहीं करता, उसके लिए यह पाप है (याकूब 4:17)।

15. कुछ बुरी आदतें लोगों को इतनी जकड़ लेती हैं कि वे

क्या कर सकती हैं?

 

जितनों ने उसे ग्रहण किया, उसने उन्हें परमेश्वर की सन्तान होने का अधिकार दिया (यूहन्ना 1:12)।


जो मुझे सामर्थ देता है, उस में मैं सब कुछ कर सकता हूँ (फिलिप्पियों 4:13)।

उत्तर:  आप इन सभी आदतों को मसीह के पास ले जा सकते हैं और उन्हें उनके चरणों में अर्पित कर सकते हैं।

वह ख़ुशी-ख़ुशी आपको एक नया हृदय और वह शक्ति देंगे जो आपको किसी भी पापपूर्ण आदत को छोड़ने और परमेश्वर के पुत्र या पुत्री बनने के लिए आवश्यक है (यहेजकेल 11:18, 19)। यह जानना कितना रोमांचकारी और हृदयस्पर्शी है कि परमेश्वर के लिए सब कुछ संभव है (मरकुस 10:27)। और यीशु ने कहा, "जो कोई मेरे पास आता है, मैं उसे कभी न निकालूँगा" (यूहन्ना 6:37)। यीशु उन बेड़ियों को तोड़ने के लिए तैयार हैं जो हमें बाँधती हैं। वह हमें आज़ाद करना चाहते हैं और वह करेंगे, लेकिन केवल हम ही इसकी अनुमति देंगे। जब हम उनकी आज्ञा मानेंगे, तो हमारी चिंताएँ, बुरी आदतें, घबराहट और भय दूर हो जाएँगे। ये बातें मैंने तुमसे इसलिए कही हैं कि तुम्हारा आनंद पूरा हो जाए (यूहन्ना 15:11)। शैतान तर्क देता है कि आज़ादी अवज्ञा में मिलती है, लेकिन यह झूठ है! (यूहन्ना 8:44)।

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16. परमेश्‍वर के नए राज्य के बारे में कौन-सी रोमांचक प्रतिज्ञाएँ दी गयी हैं?

 

 

कोई निवासी यह न कहेगा, 'मैं रोगी हूँ' (यशायाह 33:24)।

इसके बाद न मृत्यु रहेगी, न शोक, न विलाप। न पीड़ा रहेगी (प्रकाशितवाक्य 21:4)।

वे उकाबों के समान पंख फड़फड़ाएँगे, वे दौड़ेंगे और थकित न होंगे, वे चलेंगे और थकित न होंगे (यशायाह 40:31)।

उत्तर:  परमेश्वर के नए राज्य के नागरिक खुशी-खुशी उसके स्वास्थ्य सिद्धांतों का पालन करेंगे, और उन्हें कोई बीमारी या रोग नहीं होगा। उन्हें अनंत शक्ति और युवावस्था का आशीर्वाद मिलेगा और वे अनंत काल तक परमेश्वर के साथ परम आनंद और प्रसन्नता में रहेंगे।

17. चूँकि स्वस्थ जीवन जीना सचमुच बाइबल धर्म का एक भाग है, क्या आप परमेश्‍वर के सभी स्वास्थ्य सिद्धान्तों का पालन करने के लिए तैयार हैं?

 

 

उत्तर: ____________________________________________________________________________________________   

हम आपके समर्पण पर बहुत गर्व महसूस कर रहे हैं! क्या आप अगले कदम के लिए तैयार हैं?
कृपया क्विज़ दें और प्रमाणपत्र की ओर अपनी यात्रा जारी रखें।

विचार प्रश्न

1. 1 तीमुथियुस 4:4 कहता है, "परमेश्वर की हर एक रचना अच्छी है और कोई भी चीज़ अस्वीकार करने के लायक नहीं है।" क्या आप इसे समझा सकते हैं?
 

यह पवित्रशास्त्र का अंश उन खाद्य पदार्थों का जिक्र कर रहा है जिन्हें परमेश्वर ने अपने लोगों द्वारा धन्यवाद के साथ ग्रहण करने के लिए बनाया था (पद 3)। ये खाद्य पदार्थ लैव्यव्यवस्था 11 और व्यवस्थाविवरण 14 में सूचीबद्ध शुद्ध खाद्य पदार्थ हैं। पद 4 यह स्पष्ट करता है कि परमेश्वर की सभी रचनाएँ अच्छी हैं और उन्हें अस्वीकार नहीं किया जाना चाहिए, बशर्ते वे उनमें से हों जिन्हें धन्यवाद के साथ ग्रहण करने के लिए बनाया गया हो (शुद्ध जानवर)। पद 5 बताता है कि ये जानवर (या खाद्य पदार्थ) क्यों स्वीकार्य हैं: वे परमेश्वर के वचन से पवित्र किए जाते हैं, जो कहता है कि वे शुद्ध हैं, और आशीर्वाद की प्रार्थना से, जो भोजन से पहले की जाती है। हालाँकि, कृपया ध्यान दें कि जो लोग अशुद्ध खाद्य पदार्थ खाते समय खुद को पवित्र करने की कोशिश करते हैं

 

 

2. मत्ती 15:11 कहता है, "जो मुँह में जाता है, वह मनुष्य को अशुद्ध नहीं करता, बल्कि जो मुँह से निकलता है, वही अशुद्ध करता है।" आप इसे कैसे समझाएँगे?

मत्ती 15:1-20 में विषय हाथ धोए बिना खाने का है (श्लोक 2)। यहाँ ध्यान खाने पर नहीं, बल्कि धोने पर है। शास्त्रियों ने सिखाया था कि बिना विशेष विधि से स्नान किए कोई भी भोजन खाने वाले को अशुद्ध करता है। यीशु ने कहा कि ये विधि-विधान स्नान व्यर्थ हैं। श्लोक 19 में, उन्होंने कुछ बुराइयाँ सूचीबद्ध कीं: हत्या, व्यभिचार, चोरी, आदि। फिर उन्होंने निष्कर्ष निकाला, "ये ही हैं जो मनुष्य को अशुद्ध करती हैं, परन्तु बिना हाथ धोए भोजन करना
मनुष्य को अशुद्ध नहीं करता" (श्लोक 20)।

3. लेकिन क्या यीशु ने पतरस के दर्शन में सभी जानवरों को शुद्ध नहीं किया, जैसा कि प्रेरितों के काम 10 में दर्ज है?

नहीं। इस दर्शन का विषय जानवर नहीं, बल्कि इंसान हैं। परमेश्वर ने पतरस को यह दर्शन इसलिए दिया ताकि उसे पता चले कि अन्यजाति अशुद्ध नहीं हैं, जैसा कि यहूदी मानते थे। परमेश्वर ने कुरनेलियुस, जो एक अन्यजाति था, को पतरस से मिलने के लिए लोगों को भेजने का निर्देश दिया था। लेकिन अगर परमेश्वर ने उसे यह दर्शन न दिया होता, तो पतरस उनसे मिलने से इनकार कर देता, क्योंकि यहूदी व्यवस्था अन्यजातियों का स्वागत करने से मना करती थी (पद 28)। लेकिन जब वे लोग आखिरकार पहुँचे, तो पतरस ने उनका स्वागत किया, यह समझाते हुए कि सामान्यतः वह ऐसा नहीं करता, और कहा, "परमेश्वर ने मुझे बताया है कि मुझे किसी को अपवित्र या अशुद्ध नहीं कहना चाहिए (पद 28)। अगले अध्याय (प्रेरितों के काम 11) में, कलीसिया के सदस्यों ने इन अन्यजातियों से बात करने के लिए पतरस की आलोचना की। इसलिए पतरस ने उन्हें अपने दर्शन की पूरी कहानी और उसका अर्थ बताया। और प्रेरितों के काम 11:18 कहता है, "जब उन्होंने ये बातें सुनीं, तो वे चुप हो गए; और उन्होंने परमेश्वर की महिमा करके कहा, 'तब तो परमेश्वर ने अन्यजातियों को भी जीवन के लिये मन फिराव का दान दिया है।'

4. अगर खाने के लिए नहीं, तो भगवान ने सूअर को किस लिए बनाया?

उसने उसे उसी उद्देश्य से बनाया है जिस उद्देश्य से उसने गिद्धों को कूड़ा-कचरा साफ करने के लिए बनाया था। और सूअर इस उद्देश्य को बखूबी पूरा करता है।

5. रोमियों 14:3, 14, 20 कहता है: "खानेवाला उसे तुच्छ न जाने जो नहीं खाता। कोई भी वस्तु अपने आप में अशुद्ध नहीं है। सभी वस्तुएँ वास्तव में शुद्ध हैं। क्या आप इसे समझा सकते हैं?

पद 3 से 6 उन लोगों के बीच तुलना करते हैं जो कुछ चीज़ें खाते हैं और जो नहीं खाते हैं। यह अंश यह नहीं कहता कि कोई भी सही है, बल्कि सलाह देता है कि कोई भी दूसरे पर निर्णय न दे। इसके बजाय, परमेश्वर को न्यायाधीश बनने दो (पद 4, 10-12)। पद 14 और 20 उन खाद्य पदार्थों का उल्लेख करते हैं जो पहले मूर्तियों को चढ़ाए गए थे और इस प्रकार, औपचारिक रूप से अशुद्ध थे, लैव्यव्यवस्था अध्याय 11 के शुद्ध और अशुद्ध मांस के लिए नहीं। (1 कुरिन्थियों 8:1, 4, 10, 13 पढ़ें।) चर्चा का मुद्दा यह है कि कोई भी भोजन अशुद्ध या अपवित्र नहीं है लेकिन अगर किसी व्यक्ति का विवेक उसे ऐसा खाना खाने से परेशान करता है, तो उसे ऐसा नहीं करना चाहिए। या फिर अगर इससे किसी और को सिर्फ़ ठेस पहुँचती है, तो भी उसे ऐसा करने से बचना चाहिए।

6. क्या सिर्फ़ प्रभु से प्रेम करना और परमेश्वर के स्वास्थ्य संबंधी नियमों की परवाह न करना ही काफ़ी नहीं है?

लेकिन अगर आप सचमुच प्रभु से प्रेम करते हैं, तो आप उनके स्वास्थ्य संबंधी नियमों का पालन करने के लिए उत्सुक होंगे क्योंकि यही वह तरीका है जिससे आप सर्वोत्तम स्वास्थ्य, खुशी और पवित्रता प्राप्त कर सकते हैं। वह उन सभी के लिए अनन्त उद्धार का स्रोत बन गया जो उसकी आज्ञा मानते हैं (इब्रानियों 5:9)। यीशु ने कहा, "यदि तुम मुझसे प्रेम करते हो, तो मेरी आज्ञाओं को मानो" (यूहन्ना 14:15)। जब हम सचमुच प्रभु से प्रेम करते हैं, तो हम उनके स्वास्थ्य संबंधी नियमों (या किसी अन्य आज्ञा) को टालने या बहाने बनाने की कोशिश नहीं करेंगे। यह रवैया वास्तव में परमेश्वर की अन्य बातों में सच्चे हृदय को प्रकट करता है। हर कोई जो मुझसे, 'हे प्रभु, हे प्रभु' कहता है, स्वर्ग के राज्य में प्रवेश नहीं करेगा, परन्तु वही जो मेरे स्वर्गीय पिता की इच्छा पर चलता है (मत्ती 7:21)।

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पाठ संख्या 14 पर आगे बढ़ें: क्या आज्ञाकारिता विधिवाद है? —क्या अनुग्रह का अर्थ है कि हम परमेश्वर के नियमों की उपेक्षा कर सकते हैं? जानिए!

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