
पाठ 21:
बाइबल भविष्यवाणी में संयुक्त राज्य अमरीका
यह वास्तव में सच हो सकता है - संयुक्त राज्य अमरीका बाइबल की भविष्यवाणी क्यााज्य में हो? बिल्कुल! जब आप इसके बारे में सोचते हैं, तो यह समझ में आता है कि पृथ्वी पर सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली राष्ट्र, दुनिया के समापन इतिहास की अंतिम आश्चर्यजनक घटनाओं में, एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। लेकिन यहाँ तक कि बहुत आश्चर्य आपकी प्रतीक्षा में हैं, जैसे बाईबल प्रकाशित करती है कि दुनिया का अग्रणी राष्ट्र कैसे अस्तित्व में आया और क्यों! कृपया इस संदर्शिका को शुरू करने से पहले प्रकाशितवाक्य 13:11-18 पढ़िए, क्योंकि ये आठ पद आगे के दिनों में संयुक्त राज्य की भविष्यवाणी की तस्वीर देते हैं।
1. प्रकाशितवाक्य अध्याय 13 में दो विश्व शक्तियों का प्रतीक है। पहली शक्ति क्या है?
उत्तर: सात सिर वाला पशु (प्रकाशितवाक्य 13:1-10) रोमी पोपतंत्र है।
(इस विषय पर संपूर्ण अध्ययन के लिए अध्ययन मार्गदर्शिका 15 देखें।)
याद रखें कि बाइबल की भविष्यवाणियों में पशु राष्ट्रों या विश्व शक्तियों का प्रतीक हैं (दानिय्येल 7:17, 23)।

2. भविष्यवाणी के अनुसार पोपतंत्र अपनी विश्व प्रभाव और शक्ति किस वर्ष में खोने वाला था?
“बड़े बोल बोलने और निन्दा करने के लिये उसे एक मुँह दिया गया, और उसे बयालीस महीने तक काम करने का अधिकार दिया गया"
(प्रकाशितवाक्य 13:5)।
उत्तरः बाइबल ने भविष्यवाणी की है कि 42 महीने के अंत में पोपतंत्र अपनी विश्व प्रभाव और शक्ति को खो देगा। यह भविष्यवाणी 1798 में पूरी हुई थी, जब नेपोलियन के जनरल बेर्थियर ने पोप को कैद कर लिया और पोपतांत्रिक शक्ति को घातक घाव मिला। (पूर्ण विवरण के लिए, अध्ययन संदर्शिका देखें 15)।

3. जब पोपतंत्र को घातक घाव हो रहा था, तो उस समय उसके आस-पास किस राष्ट्र की भविष्यवाणी की गई थी?
“फिर मैं ने एक और पशु को पृथ्वी में से निकलते हुए देखा, उसके मेने के से दो सींग थे, और वह अजगर के समान बोलता था"
(प्रकाशितवाक्य 13:11)।
उत्तरः पद 10 में वर्णित पोपतंत्र की कैद 1798 में हुई थी, और उस समय एक नई शक्ति (पद 11) उभरते हुए दिखाई दी।
संयुक्त राज्य ने 1776 में अपनी आजादी की घोषणा की, 1787 में संविधान को वोट दिया, 1791 में अधिकारों के विधेयक
को अपनाया, और स्पष्ट रूप से 1798 तक विश्व शक्ति के रूप में पहचाना गया। समय स्पष्ट रूप से अमरीका के अनुकूल है।
कोई अन्य शक्ति संभवतः योग्य नहीं हो सकती है।
4. "पृथ्वी से निकलने वाले पशु” का महत्व क्या है?
उत्तरः दानिय्येल और प्रकाशितवाक्य में वर्णित अन्य राष्ट्रों के विपरित यह पानी से नहीं बल्कि "पृथ्वी से बाहर" निकलता है। हम प्रकाशितवाक्य से जानते हैं कि पानी दुनिया के उन क्षेत्रों का प्रतीक है जिनकी बड़ी आबादी है। "जो पानी तू ने देखे, जिन पर वेश्या बैठी है, वे तो लोग और भीड़ और जातियाँ और भाषाएँ हैं।" (प्रकाशितवाक्य 17:15)। इसलिए, पृथ्वी इसके विपरीत का प्रतीक है। इसका मतलब यह है कि यह नया राष्ट्र दुनिया के ऐसे क्षेत्र में उभरेगा जो 1700 के दशक के अंत से पहले लगभग बहुत कम अबादी में था। यह पुरानी दुनिया की भीड़ और संघर्षरत राष्ट्रों में नहीं उभर सकता था। इसे एक कम आबादी वाले महाद्वीप में उठना था।
5. इसके मेने के समान दो सींगों और ताज की अनुपस्थिति
का प्रतीक क्या है?
उत्तरः सींग राजाओं और साम्राज्यों या सरकारों को दर्शाते हैं (दानिय्येल 7:24; 8:21)। इस मामले में, वे संयुक्त राज्य
के दो शासकीय सिद्धांतों के प्रतीक हैं: नागरिक और धार्मिक स्वतंत्रता। इन दोनों सिद्धांतों को "गणतंत्रवाद"
(राजा के बिना एक सरकार) और "प्रोटेस्टेंटिज्म" (पोप के बिना एक चर्च) भी कहा गया है। प्राचीन काल से
अन्य राष्ट्रों ने लोगों को राज्य धर्म का समर्थन करने के लिए कर लगाया था। औरों ने भी धार्मिक मतभेद वालों
का दमन किया था। लेकिन संयुक्त राज्य ने कुछ नया स्थापित कियाः सरकारी हस्तक्षेप के बिना आराधना करने की आजादी। मुकुटों की अनुपस्थिति राजतंत्र की बजाय सरकार के गणतंत्र रूप को दर्शाती है। मेमने की तरह सींग एक निर्दोष, युवा, गैर-दमनकारी, शांतिप्रिय और आध्यात्मिक राष्ट्र को दर्शाते हैं। (यीशु को प्रकाशितवाक्य में 28 बार भेड़ के बच्चे के रूप में जाना जाता है।)
विशेष टिपण्णीः हम चाहते हैं कि हम संयुक्त राज्य अमरीका के यीशु के वर्णन में यहाँ रुक जाएँ - लेकिन हम नहीं रुक सकते, क्योंकि वह रुका नहीं था। आने वाली बातें आपको झटका दे सकती है। संयुक्त राज्य अमरीका एक महान देश है, जिसमें विवेक, विज्ञापन, भाषण और उद्यम की स्वतंत्रता है; इसके अवसर; उचित खेल की भावना; गरीबों के लिए सहानुभूति; और इसका मसीही झुकाव। यह सम्पूर्ण सत्य नहीं है, लेकिन फिर भी, दुनिया भर के कई लोग हर साल उसका नागरिक बनना चाहते हैं। अफसोस की बात है, यह समृद्ध आशीषित देश भारी रूप से बदल जाएगा, परमेश्वर के लोगों के अनापेक्षित अनूठा दिल का दर्द और शोक होगा। हम इसिलिए इसका सवांद करते हैं। क्योंकि परमेश्वर का शब्द ज्ञात होना चाहिए !

6. प्रकाशितवाक्य 13:11 का क्या मतलब है जब यह कहता है कि संयुक्त राज्य “एक अजगर की तरह" बोलेगा?
उत्तरः जैसा कि आपने अध्ययन संदर्शिका 20 में सीखा है, अजगर शैतान है, जो अपने साम्राज्य को स्थापित करने, और
परमेश्वर के लोगों को सता कर और नष्ट करके परमेश्वर की कलीसिया को कुचलने के लिए विभिन्न सांसारिक शक्तियों के माध्यम से काम करता है। शैतान का लक्ष्य हमेशा परमेश्वर के सिंहासन को उखाड़ फेंकना और लोगों को अपनी आराधना कराने और अपनी आज्ञा मानने के लिए मजबूर करना है। (विवरण के लिए अध्ययन संदर्शिका 2 देखें।) तो, एक अजगर के रूप में बोलने का मतलब है कि संयुक्त राज्य (शैतान के प्रभाव में) अंत में, लोगों को विवेक के विपरीत आराधना करने को मजबूर करेगा अथवा दंडित करेगा।


7. संयुक्त राज्य अमरीका क्या विशेष करेगा जो इस अजगर के रूप में बात करने का कारण बनेगा ?
उत्तरः इन चार महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान दें:
क. "वह उस पहले पशु का सारा अधिकार उसके काम में लाता है" (प्रकाशितवाक्य 13:12) संयुक्त राज्य अमरीका एक यातना देने वाला शक्ति बन जाएगा जो लोगों को अपने विवेक के खिलाफ जाने के लिए मजबूर करेगा, जैसा कि पोपतांत्रिक रोम था जो प्रकाशितवाक्य अध्याय 13. के पहले आधे भाग में चित्रित किया गया है।
ख. “और पृथ्वी और उसके रहनेवालों से उस पहले पशु की, जिसका प्राण-घातक घाव अच्छा हो गया था, पूजा कराता था" (प्रकाशितवाक्य 13:12)। संयुक्त राज्य अमरीका पोपतांत्रिक ख्रीष्त विरोधी के प्रति निष्ठा करने को मजबूर करने के लिए दुनिया के राष्ट्रों का नेतृत्व करेगा। मुद्दा हमेशा आराधना का है। आप किसकी स्तुति करेंगे और किसका पालन करेंगे? आप मसीह की, जो आपका सृष्टिकर्ता और उद्धारकर्ता है या ख्रीष्ट विरोधी की उपासना करेंगे? पृथ्वी पर हर आत्मा अंततः एक की या दूसरे की स्तुति करेगी। शैतान का दृष्टिकोण बहुत ही आध्यात्मिक दिखाई देगा, और अविश्वसनीय चमत्कार दिखाई देंगे (प्रकाशितवाक्य 13:13, 14) जो अरबों को धोखा देगा (प्रकाशितवाक्य 13:3)। जो लोग इस आंदोलन में शामिल होने से इनकार करेंगे उन्हें विभाजक, जिद्दी, कट्टरपंथी और देशद्रोही माना जाएगा। यीशु ने अंततः प्रोटेस्टेंट अमरीका को “झूठा भविष्यद्वक्ता” के रूप चिन्हित किया (प्रकाशितवाक्य 19:20; 20:10), क्योंकि शैतान आध्यात्मिक और भरोसेमंद दिखाई देगा, बल्कि आचरण में यह शैतान जैसा होगा। यह सब असंभव प्रतीत हो सकता है, लेकिन यीशु के शब्द हमेशा विश्वसनीय और सत्य होते हैं (तीतुस 1:2)। उसने एक समय में चार विश्व साम्राज्यों और ख्रीष्ट विरोधी (दनिय्येल अध्याय 2 और 7) के उदय और पतन की भविष्यवाणी की थी, तब ऐसी भविष्यवाणियाँ विचित्र और अविश्वसनीय लगती थीं। लेकिन सभी भविष्यवाणियाँ सही रूप में ठीक से पूरी होती गईं। भविष्यवाणी के बारे में आज हमें जो चेतावनी मिली है, “मैं ने अब इसके होने से पहले तुम से कह दिया है, कि जब वह हो जाए, तो तुम विश्वास करो" (यूहन्ना 14:29)।
ग. "वह पृथ्वी के रहनेवालों को भरमाता था और पृथ्वी के रहनेवालों से कहता था कि जिस पशु के तलवार लगी थी वह जी गया है, उसकी मूर्ति बनाओ" (प्रकाशितवाक्य 13:14)। संयुक्त राज्य अमरीका धार्मिक अभ्यास के कानून के द्वारा पशु की मूर्ति बना देगा। यह आराधना के कानूनों को पारित करेगा, और लोगों को या तो उनका पालन करने या मौत का सामना करने के लिए मजबूर करेगा। यह क्रिया पोपतंत्र के राज्य-कलीसिया सरकार का ही एक प्रतिलिपि या "स्वरूप” है, जिसने मध्य युग के दौरान अपनी शक्ति के चरम पर शासन किया था, जब लाखों लोगों को उनके विश्वास के लिए मारा गया था। संयुक्त राज्य अमरीका एक "विवाह" में नागरिक सरकार और धर्मत्यागी प्रोटेस्टेंटिज्म को जोड़ देगा जो पोपतंत्र का समर्थन करेगा। इसके बाद वह दुनिया के सभी राष्ट्रों को उनके उदाहरण का पालन करने के लिए प्रभावित करेगा। इस प्रकार, पोपतंत्र दुनिया भर में समर्थन प्राप्त करेगा।
घ. “और जितने लोग उस पशु की मूर्ति की पूजा न करें, उन्हें मरवा डाले" (प्रकाशितवाक्य 13:15)। इस अंतर्राष्ट्रीय आंदोलन के प्रमुख के रूप में, संयुक्त राज्य अमरीका विश्व दुसरे के राष्ट्रों को पशु या उनकी मूर्ति की स्तुति करने से इनकार करने वालों पर, मृत्युदंड लगाने के लिए प्रभावित करेगा। इस विश्वव्यापी गठबंधन के लिए एक और नाम “महान बाबुल” है। (अधिक जानकारी के लिए अध्ययन संदर्शिका 22 देखें।) यह विश्वव्यापी गठबंधन, मसीह के नाम पर, पवित्र आत्मा के नम्र प्रोत्साहन के स्थान पर पुलिसकर्मी की शक्ति को प्रतिस्थापित करेगा - और यह उपासना करने के लिए मजबूर करेगा।
8. किन विशिष्ट मुद्दों पर बल प्रयोग किया जाएगा और मृत्युदंड
दिया जाएगा?
उसे पशु की मूर्ति में प्राण डालने की शक्ति दी गई, ताकि पशु की मूर्ति बोल सके और जो कोई उसकी पूजा न करे,
उसे मरवा डाले। उसने छोटे-बड़े, धनी-कंगाल, स्वतंत्र-दास, सबके दाहिने हाथ या माथे पर एक-एक छाप करवा दी,
ताकि उस को छोड़ जिस पर पशु का नाम या उसके नाम का अंक हो, कोई लेन-देन न कर सके (प्रकाशितवाक्य 13:15-17)।
उत्तर: विवाद के अंतिम बिंदु होंगे पशु की पूजा करना और उसकी आज्ञा मानना और रविवार को एक झूठे पवित्र दिन के रूप
में सम्मान देते हुए उसका चिह्न प्राप्त करना बनाम मसीह की पूजा करना और उसकी आज्ञा मानना और पवित्र सातवें दिन सब्त
का सम्मान करते हुए उसका चिह्न प्राप्त करना। (विवरण के लिए, अध्ययन मार्गदर्शिका 20 देखें।) जब मुद्दे स्पष्ट हो जाएँगे और लोगों को सब्त तोड़ने या मारे जाने के लिए मजबूर किया जाएगा, तो जो लोग रविवार को चुनेंगे, वे मूलतः पशु की पूजा कर रहे होंगे। उन्होंने अपने सृष्टिकर्ता, यीशु मसीह के वचन के बजाय, एक प्राणी, एक मनुष्य के वचन का पालन करना चुना होगा। यहाँ पोप का अपना कथन है: चर्च ने सब्त को रविवार में बदल दिया और पूरी दुनिया उस दिन कैथोलिक चर्च के आदेशों का मौन पालन करते हुए झुकती और पूजा करती है (हार्टफोर्ड वीकली कॉल, 22 फरवरी, 1884)।

9. क्या सरकार वास्तव में खरीद-बिक्री को नियंत्रित कर सकती है?
उत्तर: द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, चीनी, टायर और ईंधन जैसी वस्तुओं के लिए राशन टिकटों की आवश्यकता के ज़रिए खरीदारी को नियंत्रित किया जाता था। इन टिकटों के बिना, पैसा बेकार था। इस कम्प्यूटरीकृत युग में, ऐसी ही व्यवस्था स्थापित करना आसान होगा। उदाहरण के लिए, जब तक आप विश्वव्यापी गठबंधन के साथ सहयोग करने के लिए सहमत नहीं होते, आपका सामाजिक सुरक्षा नंबर एक डेटाबेस में दर्ज किया जा सकता है, जिससे पता चलता है कि आप खरीदारी करने के लिए अयोग्य हैं। कोई नहीं जानता कि यह सब कैसे होगा, लेकिन आप
निश्चिंत हो सकते हैं कि ऐसा होगा क्योंकि प्रकाशितवाक्य 13:16, 17 में परमेश्वर कहता है कि ऐसा होगा।
दो उभरती हुई शक्तियाँ:
प्रकाशितवाक्य अध्याय 13 स्पष्ट है। अंत समय में दो महाशक्तियाँ उभरेंगी: संयुक्त राज्य अमेरिका और पोपतंत्र। संयुक्त राज्य अमेरिका, दुनिया के लोगों को पशु शक्ति (पोपतंत्र) की पूजा करने और उसका चिह्न धारण करने या फिर मृत्युदंड का सामना करने के लिए मजबूर करने के अभियान का नेतृत्व करके पोपतंत्र का समर्थन करेगा। अगले दो प्रश्न इन दो महाशक्तियों की शक्ति का मूल्यांकन करेंगे।

10. आज पोपतंत्र कितना सशक्त और प्रभावशाली है?
उत्तर: यह निस्संदेह दुनिया की सबसे शक्तिशाली धार्मिक-राजनीतिक शक्ति है। लगभग हर प्रमुख देश का वेटिकन में एक आधिकारिक राजदूत या राज्य प्रतिनिधि होता है। निम्नलिखित तथ्यों पर ध्यान दें:
क. 2015 में पोप फ्रांसिस की संयुक्त राज्य अमरीका की यात्रा पादरी और राजनीतिक दोनों प्रभाव थे। कार्डिनल तिमोथी डोलन ने कहा, "जितना अधिक वह प्रतिष्ठा और पोपतंत्र की शक्ति पर जोर देने की कोशिश करता है, उतना ही लोग उसे ध्यान देते हैं।" - सीबीएस इस सुबह, 22 सितंबर, 2015
ख. पोप का उद्देश्य मसीही दुनिया को एकजुट करना है। जनवरी 2014 में, फ्रांसिस ने सेंट पॉल के बेसिलिका में रूढ़िवादी, एंग्लिकन, लूथरन, मेथोडिस्ट और अन्य मसीही प्रतिनिधियों के साथ एक सार्वभौमिक उपासना की अध्यक्षता की और मसीही एकता की आवश्यकता पर बल दिया। फ्रांसिस ने कहा, "कलीसिया के विभाजन को प्राकृतिक, लाजमी समझना अस्वीकार्य है, क्योंकि 'विभाजन से मसीह का शरीर घायल होता है [और] उस गवाही को अपमानित करता है जिसे हम उसे दुनिया के सामने देने के लिए बुलाए जाते हैं।" - कैथोलिक हेराल्ड, 27 जनवरी, 2014
ग. दुनिया भर में प्रतिक्रिया जबरदस्त रही है क्योंकि नेता शांति के लिए उनके पास जाते हैं। फ्रांसिस ने इज़राइली और फिलिस्तीनी नेताओं के साथ वेटिकन में एक प्रार्थना शिखर सम्मेलन की मेजबानी की। फिर, पोप, जो लैटिन अमेरिकी के रूप में जिसकी हवाना में बहुत अधिक विश्वसनीयता थी, ने यूएस-क्यूबा के बीच के समझौते के रास्ते को आगे बढ़ाने में मदद की। - विल्विया पोगिओली, नेशनल पब्लिक रेडियो, 14 अप्रैल, 2016
घ. फ्रांसिस की 2015 की अमरीका की यात्रा ने अमेरिकी अधिकारियों से अभूतपूर्व प्रतिक्रिया प्राप्त कीः राष्ट्रपति ओबामा ने पोप फ्रांसिस का व्यक्तिगत रूप से स्वागत किया जब वह अमेरिकी एयरबेस पर पहुँचे, इस निर्णय के बारे में व्हाइट हाउस ने कहा था कि यह सम्मान के उच्च स्तर का प्रतीक है जो अमेरिकियों को पोप के लिए है। फ्रांसिस की यात्रा में, अमेरिकी इतिहास में कांग्रेस के संयुक्त सत्र में किसी भी पोप द्वारा पहला भाषण भी शामिल था। आइरिश डेली मेल, 23 सितंबर, 2015
11. आज संयुक्त राज्य अमेरिका कितना मजबूत और
प्रभावशाली है?
उत्तर: संयुक्त राज्य अमेरिका को दुनिया की सबसे शक्तिशाली सैन्य शक्ति और विश्व प्रभाव केंद्र माना जाता है।
निम्नलिखित बातों पर ध्यान दें:
क. "शक्ति की प्रमुख श्रेणियों में, अमरीका निकट भविष्य के लिए प्रभावी रहेगा।"- इयान ब्रेमर, टाइम पत्रिका, 28 मई, 2015
ख. "आखिरकार युद्ध और शांति के बीच क्या अंतर आता है... अच्छा इरादा, या मजबूत शब्द, या एक भव्य गठबंधन नहीं है। यह क्षमता, विश्वसनीयता और अमरीका की वैश्विक पहुँच है।" - सेनेटर यूहन्ना मैककेन, 15 नवंबर, 2014
ग. "संयुक्त राज्य अमरीका एक महत्वपूर्ण राष्ट्र बना हुआ है और रहेगा। यह बीती सदी के लिए सच है आने वाली सदी के लिए भी सच होगा।"- राष्ट्रपति बराक ओबामा, 28 मई, 2014
घ. फ्रांस के तत्कालीन विदेश मंत्री हबर्ट वेर्डिन ने पेरिस के दर्शकों से कहा कि उन्होंने "संयुक्त राज्य अमरीका को 'हाइपरपावर' के रूप में परिभाषित किया है ... एक ऐसा देश जो सभी श्रेणियों में प्रमुख या प्रभावी है।" - द न्यूयॉर्क टाइम्स, 5 फरवरी, 1999
यद्यपि चीन और रूस जैसे देशों से अपनी शक्ति के लिए निश्चित रूप से चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, अमरीका अपनी आक्रामकता और जबरदस्त क्षमता के कारण, जरूरत पड़ने पर तेज़ी से उन शत्रुओं के सामने सेना भेजकर अपना अधिकार कायम रखता है। संयुक्त राज्य अमरीका का भविष्य का राष्ट्रपति नए वैश्विक मानकों को लागू
करने के लिए देश के प्रभाव का उपयोग करने में संकोच नहीं करता है, खासकर यदि एक कठिन वैश्विक घटना के बाद उसे विश्व शांति और स्थिरता की नींव में पदोन्नत किया जाता है।

12. विवेक का उल्लंघन करने से इंकार करने वाले लोगों को हटाने के लिए विश्वव्यापी कानून के लिए मंच स्थापित करने में कौन से अन्य कारक मदद कर सकते हैं?
उत्तरः हम उन्हें निश्चित रूप से नाम नहीं दे सकते हैं, लेकिन कुछ कमजोर संभावनाओं में शामिल हैं:
क. आतंकवादियों की गतिविधि
ख. दंगे और बढ़ते अपराध और बुराई
ग. ड्रग युद्ध
घ. एक प्रमुख आर्थिक दुर्घटना
ड. महामारी
च. कट्टरपंथी राष्ट्रों के परमाणु खतरे
च. राजनीतिक कार्य
ज. अदालतों द्वारा न्याय की भूमिका को क्षति
झ. सामाजिक और राजनीतिक मुद्दे
ज. बढ़ते कर
ट. अश्लील साहित्य और अन्य अनैतिकता
ठ. वैश्विक आपदाएँ
ड. क्रांतिकारी “विशेष रुचि" समूह
आतंकवाद, कानूनहीनता, अनैतिकता, सहनशीलता, अन्याय, गरीबी, अप्रभावी राजनीतिक नेताओं के खिलाफ प्रतिक्रिया, और कई समान विपत्तियां मजबूत, विशिष्ट कानूनों को कठोर रूप से लागू करने की मांग कर सकती हैं।

13. जैसे-जैसे दुनिया की परिस्थितियाँ बदतर होती जाएँगी,
शैतान जनता को धोखा देने के लिए क्या करेगा?
वह बड़े-बड़े चिन्ह दिखाता है, यहाँ तक कि मनुष्यों के देखते पृथ्वी पर आकाश से आग बरसा देता है। और उन्हीं
चिन्हों के द्वारा जो उस पशु के देखते दिखाने का उसे अधिकार दिया गया था, वह पृथ्वी के रहने वालों को भरमाता
है, और पृथ्वी के रहने वालों से कहता है, कि उस पशु की मूरत बनाओ जो तलवार से घायल होकर जी गया था
(प्रकाशितवाक्य 13:13, 14)।
उत्तर: संयुक्त राज्य अमेरिका एक नकली पुनरुत्थान का अनुभव करेगा और इस बात पर ज़ोर देगा कि धार्मिक कानून पारित किए जाएँ ताकि हर व्यक्ति इसमें भाग लेने के लिए बाध्य हो (प्रकाशितवाक्य 13:14 में पशु की एक छवि द्वारा दर्शाया गया है)। लोगों को परमेश्वर के पवित्र सातवें दिन सब्त की अवहेलना करने और उसके बजाय पशु के पवित्र दिन, रविवार को उपासना करने के लिए मजबूर किया जाएगा। कुछ लोग केवल सामाजिक या आर्थिक कारणों से ऐसा करेंगे। दुनिया की परिस्थितियाँ इतनी असहनीय हो जाएँगी कि दुनिया भर में एक ईश्वर की ओर वापसी आंदोलन, जिसमें सभी रविवार को उपासना और प्रार्थना में शामिल हों, को एकमात्र समाधान के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। शैतान दुनिया को यह विश्वास दिलाकर धोखा देगा कि उन्हें बाइबल की सच्चाई से समझौता करना होगा और रविवार को पवित्र रखना होगा। लेकिन वास्तव में, पशु की आज्ञाकारिता और उसकी उपासना, अधिकांश लोगों द्वारा परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करने से इनकार करने का संकेत देगी। कोई आश्चर्य नहीं कि यीशु ने प्रकाशितवाक्य में पशु की उपासना और उसकी छाप प्राप्त करने को इतना बड़ा मुद्दा बनाया है!

14. जब नकली पुनर्जागरण में रुचि बढ़ती है, तब परमेश्वर के अंत-समय के लोगों द्वारा प्रायोजित वास्तविक विश्वव्यापी पुरन्जागरण का क्या हो रहा होगा?
उत्तरः बाइबल कहती है कि पूरी दुनिया महिमा के साथ “प्रकाशमय हो जाएगी" (प्रकाशितवाक्य 18:1)। धरती पर हर व्यक्ति (मरकुस 16:15) परमेश्वर के अंत समय के साथ, प्रकाशितवाक्य 14:6-14 के तीन-सूत्रीय संदेश पर पहुँच जाएगा। परमेश्वर की अंतिम दिनों की कलीसिया, आश्चर्यजनक गति से बढ़ेगी, क्योंकि लाखों लोग परमेश्वर के लोगों से जुड़ जायेंगे और यीशु में कृपा और विश्वास से, उद्धार के प्रस्ताव को स्वीकार करते हैं, जो उन्हें उनके आज्ञाकारी सेवकों में बदल देती है। दुनिया के सभी देशों के कई लोग और नेता पशु की स्तुति करने से इनकार कर देंगे और न ही उनकी झूठी शिक्षाओं को गले लगाएँगे। इसके बजाय, वे यीशु की स्तुति करेंगे और उसका पालन करेंगे। तब उन्हें अपने माथे में उसके पवित्र सब्त का चिन्ह, या निशान प्राप्त होगा (प्रकाशितवाक्य 7:2, 3), इस प्रकार उन्हें अनंत काल तक चिन्हित कर दिया जायेगा। (परमेश्वर की मुहर पर अतिरिक्त जानकारी के लिए अध्ययन संदर्शिका 20 देखें।)
चक्राकार विकास नकली आंदोलन को क्रोधित करेगाः
परमेश्वर के लोगों का चक्राकार विकास नकली आंदोलन को क्रोधित करेगा। इसके नेता पूरी तरह से आश्वस्त हो जाएँगे कि जो लोग दुनिया भर में नकली पुनर्जागरण के साथ सहयोग करने से इनकार करते हैं, वे दुनिया की सभी विपत्तियों (दानिय्येल 11:44) का कारण हैं। वे उन्हें खरीदने और बेचने से मना कर देंगे (प्रकाशितवाक्य 13:16, 17), लेकिन बाइबल वादा करती है कि परमेश्वर के लोगों के लिए भोजन, पानी और सुरक्षा सुनिश्चित होगी (यशायाह 33:16; भजन संहिता 34:7)।
15. निराशा में, अमरीका के नेतृत्व वाला गठबंधन इसके दुश्मनों को मृत्युदंड देने का फैसला करेगा (प्रकाशितवाक्य 13:15)। प्रकाशितवाक्य 13:13, 14 में कहता है कि इसके नेता लोगों को यह समझाने के लिए, कि परमेश्वर उनके साथ है, क्या करेगें?
उत्तरः वे चमत्कार करेंगे जिसके कारण परमेश्वर के वफादार अंत समय के लोगों को छोड़कर, हर कोई उसे मानेगा (मत्ती 24:24)। शैतान की आत्माओं (गिरने वाले स्वर्गदूतों) का उपयोग करके (प्रकाशितवाक्य 16:13, 14), वे मृत प्रियजनों (प्रकाशितवाक्य 18:23) का प्रतिरूपण करेंगे और शायद बाइबल के भविष्यवक्ताओं और प्रेरितों के रूप में भी सामने आएँगे। झूठ बोलने वाली (यूहन्ना 8:44) इन दुष्य आत्माओं का दावा है कि परमेश्वर ने उनका सहयोग करने के लिए, सभी से आग्रह किया है।
शैतान मसीह के रूप में प्रकट होगा; उनके दूत मसीही धर्म-प्रचारकों के रूप में सामने आएँगे। शैतान के स्वर्गदूत भी पादरी के रूप में प्रकट होंगे, और शैतान प्रकाश के एक दूत के रूप में दिखाई देगा (2 कुरिन्थियों 11:13-15)। अपने सर्वश्रेष्ठ चमत्कार के रूप में, शैतान यीशु होने का दावा करेगा (मत्ती 24:23, 24)। मसीह का प्रतिरूपण करते समय, वह आसानी से दावा कर सकता है, कि उसने सब्त को रविवार में बदल दिया और अपने अनुयायियों से आग्रह कर सकता है कि वे अपने विश्वव्यापी पुर्नजागरण के साथ आगे बढ़ें और अपने "पवित्र” दिन रविवार को बनाए रखें।
अरबों को धोखा मिलेगाः
अरबों लोग मानेंगे कि शैतान, यीशु है, उसके पैरों पर झुकेंगे और नकली आंदोलन में शामिल होंगे। “सारी पृथ्वी के लोग उस पशु के पीछे-पीछे अचम्भा करते हुए चले" (प्रकाशितवाक्य 13:3)। धोखाधड़ी बेहद प्रभावी होगी, परन्तु परमेश्वर के लोग धोखे में नहीं आएँगे, क्योंकि वे बाइबल द्वारा सब कुछ जाँचते हैं (यशायाह 8:19, 20; 2 तीमुथियुस 2:15)। बाइबल कहती है कि परमेश्वर का कानून बदला नहीं जा सकता है (मत्ती 5:18)। यह भी कहती है कि जब यीशु लौटेगा, तो हर आँख उसे देखेगी (प्रकाशितवाक्य 1:7) और वह धरती को नहीं छूएगा, बल्कि बादलों में रहेगा और अपने लोगों को हवा में उससे मिलने के लिए बुलाएगा (1) थिस्सलुनीकियों 4:16, 17)।


16. अंत-समय के शक्तिशाली धोखों से हम कैसे सुरक्षित रह सकते हैं?
उत्तरः
क. हर एक शिक्षा की जाँच बाइबल से करें (2 तीमुथियुस 2:15; प्रेरितों 17:11; यशायाह 8:20)।
ख. सत्य का पालन करें क्योंकि यीशु ने इसका खुलासा किया है। यीशु ने वादा किया था कि जो लोग वास्तव में उसका पालन करना चाहते हैं वे कभी भी गलती में नहीं पड़ेंगे (यूहन्ना 7:17)।
ग. रोज़ाना यीशु के करीब रहें (यूहन्ना 15:5)।
स्मरणपत्रः तीन स्वर्गदूतों के संदेशों की श्रृंखला में यह नौ में से छठी अध्ययन संदर्शिका है। अगली अध्ययन संदर्शिका बताएगी कि दुनिया भर में मसीही चर्च और अन्य धर्म कैसे अंत समय की घटनाओं से संबंधित होंगे।

17. क्या आप यीशु की स्तुति करने और उसकी आज्ञा मानने के लिए तैयार हैं, भले ही इसका मतलब ठठा, उत्पीड़न और आखिरकार मौत की सजा हो ?
उत्तरः _______________________________________________________________________________________________
विचार प्रश्न
1. यह उचित नहीं लगता कि अंतिम संकट में, जिन लोगों ने कभी परमेश्वर का सत्य नहीं सुना, वे भोलेपन से एक नकली सत्य को चुन लें और इस प्रकार खो जाएँ।
कोई भी व्यक्ति आज के लिए परमेश्वर के महत्वपूर्ण तीन-सूत्रीय संदेश (प्रकाशितवाक्य 14:6-12) को सुने (मरकुस 16:15) और समझे (यूहन्ना 1:9) बिना अंतिम संकट का सामना नहीं करेगा। लोग पशु की छाप केवल इसलिए प्राप्त करना चाहेंगे क्योंकि वे मसीह का अनुसरण करने की कीमत नहीं चुकाना चाहते।
2. प्रकाशितवाक्य 16:12-16 में वर्णित हर-मगिदोन का युद्ध क्या है? यह कब और कहाँ लड़ा जाएगा?
हर-मगिदोन का युद्ध मसीह और शैतान के बीच अंतिम युद्ध है। यह पृथ्वी पर लड़ा जाएगा और समय के अंत से ठीक पहले शुरू होगा। यीशु के दूसरे आगमन से यह युद्ध रुक जाएगा। यह 1,000 वर्षों के बाद फिर से शुरू होगा, जब दुष्ट पवित्र नगर को घेर लेंगे और उस पर कब्ज़ा करने की आशा रखेंगे। यह युद्ध तब समाप्त होगा जब स्वर्ग से आग दुष्टों पर बरसेगी और उन्हें नष्ट कर देगी (प्रकाशितवाक्य 20:9)। (अध्ययन मार्गदर्शिका 12 में 1,000 वर्षों के बारे में विस्तार से बताया गया है।)
"हर-मगिदोन" शब्द का क्या अर्थ है? "
हर-मगिदोन" सर्वशक्तिमान परमेश्वर के उस महान दिन में मसीह और शैतान के बीच होने वाले युद्ध का नाम है जिसमें संसार के सभी राष्ट्र शामिल होंगे (प्रकाशितवाक्य 16:12-16, 19)। पूर्व के राजा परमेश्वर पिता और परमेश्वर पुत्र हैं। बाइबल में पूर्व, परमेश्वर के स्वर्गीय राज्य का प्रतीक है (प्रकाशितवाक्य 7:2; यहेजकेल 43:2; मत्ती 24:27)। इस अंतिम युद्ध में, वस्तुतः संपूर्ण विश्व एकजुट होगा (प्रकाशितवाक्य 16:14) और यीशु, मेम्ने और उसके लोगों के विरुद्ध लड़ेगा (प्रकाशितवाक्य 17:14; 19:19)। उनका उद्देश्य उन सभी का सफाया करना होगा जो पशु की उपासना करने से इनकार करते हैं (प्रकाशितवाक्य 13:15-17)।
अस्वीकृति के बाद भ्रम आता है:
जो लोग परमेश्वर के संदेश को स्वीकार करने से इनकार करते हैं, भले ही वे जानते हों कि यह सत्य है, वे इस हद तक भ्रमित हो जाएँगे कि वे झूठ पर विश्वास करने लगेंगे (2 थिस्सलुनीकियों 2:10-12)। जब वे परमेश्वर के लोगों को नष्ट करने का प्रयास करेंगे, तो उन्हें यह विश्वास होने लगेगा कि वे परमेश्वर के राज्य की रक्षा कर रहे हैं। वे संतों को पूरी तरह से धोखा खाए हुए कट्टरपंथी समझेंगे जो नकली पुनरुत्थान में सहयोग न देकर पूरे संसार को बर्बाद कर रहे हैं।
यीशु का दूसरा आगमन युद्ध को रोक देगा।
यह युद्ध विश्वव्यापी होगा। सरकारें परमेश्वर के लोगों को नष्ट करने का प्रयास करेंगी, लेकिन परमेश्वर हस्तक्षेप करेंगे। प्रतीकात्मक फरात नदी सूख जाएगी (प्रकाशितवाक्य 16:12)। पानी लोगों को दर्शाता है (प्रकाशितवाक्य 17:15)। फरात नदी के सूखने का अर्थ है कि जो लोग पशु (शैतान के राज्य) का समर्थन कर रहे थे, वे अचानक अपना समर्थन वापस ले लेंगे। इस प्रकार पशु का समर्थन सूख जाएगा। उसके सहयोगियों का गठबंधन (प्रकाशितवाक्य 16:13, 14) बिखर जाएगा (प्रकाशितवाक्य 16:19)। यीशु का दूसरा आगमन इस युद्ध को रोक देगा और अपने लोगों को बचाएगा (प्रकाशितवाक्य 6:14-17; 16:18-21; 19:11-20)।
1,000 साल बाद युद्ध फिर से शुरू होगा।
1,000 साल बाद, शैतान परमेश्वर और उसके लोगों के विरुद्ध शक्तियों के नेता के रूप में खुलकर सामने आएगा। वह युद्ध फिर से शुरू करेगा और पवित्र नगर पर कब्ज़ा करने की कोशिश करेगा। फिर वह और उसके अनुयायी स्वर्ग से आग द्वारा नष्ट कर दिए जाएँगे (अध्ययन मार्गदर्शिकाएँ 11 और 12 देखें)। हालाँकि, यीशु का हर अनुयायी उसके अनन्त राज्य में सुरक्षित रहेगा।
3. बाइबल कहती है, "वह समय आ रहा है जब जो कोई तुम्हें मार डालेगा, वह समझेगा कि वह परमेश्वर की सेवा करता है" (यूहन्ना 16:2)। क्या यह संभव है कि यह हमारे समय में सचमुच पूरा हो?
हाँ। विश्व सरकारों और धर्मों का अंतिम समय का गठबंधन अंततः परमेश्वर के लोगों के प्रति सारी सहानुभूति खो देगा, जो नकली पुनरुत्थान में शामिल होने या रविवार की उपासना को अपनाने से इनकार करते हैं। उन्हें लगेगा कि उनके पुनरुत्थान के साथ होने वाले चमत्कार इसकी वैधता को सिद्ध करते हैं - जैसे कि बीमारों का ठीक होना या कुख्यात ईश्वर-द्वेषियों, अनैतिक हस्तियों और जाने-माने अपराधियों का धर्मांतरण। गठबंधन इस बात पर ज़ोर देगा कि किसी को भी इस विश्वव्यापी पुनरुत्थान को बर्बाद करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। सभी से व्यक्तिगत भावनाओं और कट्टर शिक्षाओं (उदाहरण के लिए, सब्त) को त्यागने और शांति और भाईचारे के लिए दुनिया के बाकी हिस्सों के साथ इस पुनरुत्थान में शामिल होने का आग्रह किया जाएगा। जो लोग सहयोग करने के लिए सहमत नहीं होंगे, उन्हें विश्वासघाती, देशद्रोही, अराजकतावादी और अंततः खतरनाक कट्टरपंथी माना जाएगा जिन्हें बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। उस दिन, परमेश्वर के लोगों को मारने वालों को लगेगा कि वे परमेश्वर पर उपकार कर रहे हैं।
4. जब हम दानिय्येल और प्रकाशितवाक्य की भविष्यवाणियों का अध्ययन करते हैं, तो यह स्पष्ट प्रतीत होता है कि असली शत्रु हमेशा शैतान ही होता है। क्या यह सच है?
बिल्कुल! शैतान ही हमेशा असली शत्रु होता है। शैतान पृथ्वी के नेताओं और राष्ट्रों के माध्यम से
परमेश्वर के लोगों को चोट पहुँचाने और इस प्रकार यीशु और पिता को दुःख पहुँचाने का काम करता है। शैतान ही सभी बुराइयों के लिए ज़िम्मेदार है। आइए हम उसे दोष दें और उन लोगों या संगठनों का न्याय करते समय सावधानी बरतें जो परमेश्वर के लोगों और कलीसिया को चोट पहुँचाते हैं। वे कभी-कभी पूरी तरह से अनजान होते हैं कि वे किसी को नुकसान पहुँचा रहे हैं। लेकिन शैतान के बारे में ऐसा कभी सच नहीं होता। वह हमेशा पूरी तरह से जागरूक रहता है। वह जानबूझकर परमेश्वर और उसके लोगों को चोट पहुँचाता है।
5. पोप की मृत्यु या नए राष्ट्रपति के चुनाव का प्रकाशितवाक्य 13:11-18 में संयुक्त राज्य अमेरिका की भविष्यवाणी पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
चाहे पोप हो या राष्ट्रपति, यह भविष्यवाणी पूरी होगी। एक नया राष्ट्रपति या पोप अस्थायी रूप से इसकी पूर्ति को तेज़ या धीमा कर सकता है, लेकिन अंतिम परिणाम बाइबल की भविष्यवाणी द्वारा सुनिश्चित है।
6. क्या प्रकाशितवाक्य 13:11-18 का मेमने के सींग वाला पशु और प्रकाशितवाक्य 16:13 का झूठा भविष्यवक्ता एक ही शक्ति हैं?
हाँ। प्रकाशितवाक्य 19:20 में, जहाँ परमेश्वर मसीह-विरोधी पशु के विनाश का उल्लेख करते हैं, वे
झूठे भविष्यवक्ता के विनाश का भी उल्लेख करते हैं। इस अंश में, परमेश्वर झूठे भविष्यवक्ता की पहचान उस शक्ति के रूप में करते हैं जिसने पशु के सामने चिन्ह दिखाए और उन लोगों को धोखा दिया जिन्होंने पशु की छाप प्राप्त की थी और जो उसकी मूर्ति की पूजा करते थे। यह मेमने के सींग वाले पशु की गतिविधियों का एक स्पष्ट संदर्भ है, जिनका वर्णन प्रकाशितवाक्य 13:11-18 में किया गया है। इस अध्ययन मार्गदर्शिका में हमने मेमने के सींग वाले पशु की पहचान संयुक्त राज्य अमेरिका के रूप में की है। इसलिए मेमने के सींग वाला पशु और झूठा भविष्यवक्ता वास्तव में एक ही शक्ति हैं।